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Manipur Violence

Manipur में एक बार फिर भड़की हिंसा, सरकार के फ्री ट्रैफिक मूवमेंट को लेकर हुआ विरोध

Lucknow Desk: Manipur में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। इसके बाद भी बीते शनिवार को Manipur में एक बार फिर बड़ी हिंसा भड़क उठी। दरअसल, केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य में 8 मार्च को 'फ्री मूवमेंट' शुरू हुआ। इस दौरान Manipur के कांगपोकपी जिले में हिंसा भड़क गई। मिली जानकारी के अनुसार, हिंसक झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई। वहीं, सुरक्षाकर्मी सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए है। Manipur में पिछले चार महीनों में यह सबसे बड़ी हिंसा थी।

फ्री ट्रैफिक मूवमेंट की वजह से भड़की हिंसा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद Manipur में 8 मार्च से फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू हुआ। इस फैसले के बाद लोगों को बिना किसी रोक-टोक के एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन की अनुमति दी गई थी, जिसका लोगों ने पहले ही दिन विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस हिंसा में दो दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर है, जबकि 40 से ज्यादा लोग को चोटें आईं, जिनमें से 10 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई।

कुकी समुदाय का विरोध और बसों पर हमले

शनिवार को फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के लागू होने के साथ ही कांगपोकपी जिले में कुकी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद राज्य परिवहन की बसों की आवाजाही को रोकने की कोशिश की। बता दें, कांगपोकपी जिला एक कुकी बहुल इलाका है, और यहां प्रदर्शनकारियों ने इंफाल से सेनापति जाने वाली एक बस पर पथराव किया। जब सुरक्षाकर्मियों ने इस विरोध को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, जिसके बाद हालात बिगड़ने लगा।

पुलिस की कार्रवाई और हिंसा

वहीं हिंसा पर कार्रवाई के लिए Manipur पुलिस ने एक बयान में कहा कि गामगीफाई में भीड़ ने बसों पर पथराव किया। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस और अन्य बल प्रयोग किए, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर सड़क अवरोध लगाए और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी भी की। पुलिस ने बताया कि इम्फाल से लगभग 37 किलोमीटर दूर कीथेलमैनबी में झड़प के दौरान एक व्यक्ति, लालगौथांग सिंगसिट की गोली लगने से मौत हो गई।

Manipur में लगातार जारी तनाव

गौरतलब है कि Manipur में दो साल से जातीय हिंसा का दौर जारी है। जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। मैतेई समुदाय मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी समुदाय पहाड़ी इलाकों में बसा हुआ है। इन दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है।


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