Wagh Bakri Chai: वाघ बकरी चाय के मालिक का निधन, स्ट्रीट डॉग्स ने किया था अटैक
Lucknow Desk: देश की प्रमुख चाय कंपनियों में से एक कंपनी वाघ बकरी चाय है। इस कंपनी और उघोग-जगत से एक बुरी खबर सामने है। वाघ बकरी चाय समूह के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का आज 49 साल की उम्र में निधन हो गया। इस बात की जानकारी कंपनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
स्ट्रीट डॉग ने किया था अटैक
दरअसल,15 अक्टूबर को एक हादसे में पराग देसाई का ब्रेन हेमरेज हो गया था। मिली जानकारी के अनुसार, 15 अक्टूबर की शाम को अपने घर के पास वॉक पर निकले थे। शाम के समय कुछ कुत्ते उनपर भौंकने लगे। खुद को डॉग अटैक से बचाने के दौरान वो फिसलकर जमीन पर गिर गए थे, जिसके कारण उनके सिर पर चोट लग गई।
सिर में आई थी चोट
जानकारी के अनुसार, पराग देसाई इस्कॉन अम्बली रोड पर वॉक के दौरान डॉग अटैक में घायल हुए थे। उन्हें तत्काल शेल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें सर्जरी के लिए जायडस हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, 22 अक्टूबर यानी रविवार को उनका निधन हो गया। कहा जा रहा है कि ब्रेन हेमरेज की वजह से उनका निधन हुआ।
वाघ बकरी ग्रुप से कब जुड़े थे पराग देसाई
बता दे कि पराग देसाई के पिता रसेस देसाई हैं, जो फिलहाल वाघ बकरी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वाघ बकरी चाय में पराग सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट्स का काम देखते थे। पराग देसाई ने न्यूयार्क स्थित आईलैंड के एनिवर्सीटी से एमबीए की पढ़ाई की थी। पराग देसाई का परिवार पिछली चार पीढ़ी से चाय के कारोबार से जुड़ा है। पराग देसाई की अगुवाई में कई मुकाम को छूने में सफल रहा है। बिजनेस के साथ-साथ पराग देसाई की गहरी चिलचस्पी वाइल्डलाइफ थे।
वाघ बकरी चाय से पराग देसाई 1995 में जुड़े थे। तब कंपनी का कुल कारोबार 100 करोड़ रुपये से भी कम था। लेकिन आज सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। भारत के 24 राज्यों के साथ-साथ दुनिया के 60 देशों वाघ बकरी चाय को एक्सपोर्ट किया जा रहा है, ये देसाई का ही प्लान था, जिसकी वजह से कंपनी की ब्रांडिंग मजबूत हुई। यूनिक नाम होने के कारण लोग इस प्रोडक्ट से जुड़े है।
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