MAYAWATI

लखनऊ में होगी BSP की बैठक

Lucknow: लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज, कल लखनऊ में होगी BSP की बैठक

लखनऊ: आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति तैयारियां शुरु हो गई है। एक तरफ सत्ता पक्ष तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष दल INDIA ने पूरे दमखल के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके है। इसी क्रम में कल यानी 23 अगस्त को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की बैठक करेंगे। बता दे कि बहुजन समाज पार्टी ने भी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

दिल्ली के लखनऊ में बैठक

बता दे कि दिल्ली के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती प्रदेश पदाधिकारियों की कल यानी 23 अगस्त को लखनऊ में बैठक करेंगी। इस बैठक में बसपा सुप्रीमो प्रदेश स्तर पर हो रही तैयारियों को रिव्यू करेंगी। 2024 को देखते हुए ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है।

बैठक में कौन-कौन होगा शामिल

बुधवार यानी 23 अगस्त को लखनऊ में होने वाली बसपा की बैठक में पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, विधायक उमाशंकर सिंह, विधान परिषद के सदस्य भीमराव अंबेडकर समेत बसपा के सभी पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, मुख्य जीवन इंचार्ज, जिला अध्यक्ष और बामसेफ के पदाधिकारी शामिल होंगे। कल होने वाली इस बैठक में मायावती संगठन की समीक्षा करेंगी, जिसमें संगठन का विस्तार, बूथों का गठन और साथ ही साथ की कैडर कैंप की तैयारियों पर चर्चा करेंगी।

लखनऊ में पार्टी संगठन के विस्तार पर मंथन

बसपा सुप्रीमो मायावती पिछले कई दिनों से मंडलवार संगठन विस्तार के बारे में संबंधित पदाधिकारियों से फीडबैक ले रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली में चार राज्यों की जिम्मेदारी आकाश आनंद को देने के बाद मायावती अब खुद उत्तर प्रदेश की कमान संभाल रही है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में मायावती पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों का रिव्यू करके पार्टी पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दे चुकी हैं। मायावती तकरीबन डेढ़ महीने तक दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक करने के बाद 13 तारीख को लखनऊ पहुंची हैं। 

लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी BSP

गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव BSP अकेले लड़ेगी। विपक्ष दल INDIA गठबंधन से BSP बहुत दूर है क्योंकि मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का मन बनाया है। फिलहाल मायावती न ही NDA गठबंधन का हिस्सा है और ना ही इंडिया गठबंधन  के साथ उन्होंने हाथ मिलाया है। हालांकि दोनों गठबंधनों की कोशिश मायावती को अपने पाले में लाने की है, क्योंकि प्रदेश में तकरीबन 20 फ़ीसदी दलित वोटर है जो एक समय पर मायावती का वोटर माना जाता रहा है।


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