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Dehradun : पहाड़ से बिहार ले जाई जा रही नामी कंपनी की नकली दवाओं की पकड़ी गई खेप

Lucknow Desk : रायपुर पुलिस ने नकली दवा बनाने वाली एक कंपनी की फैक्ट्री पकड़ी है। यह पता चला है कि गुरुग्राम में स्थित जगसनपाल फार्मास्युटिकल कंपनी के नाम पर बड़ी संख्या में नकली दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने कारखाने से 29 लाख कैप्सूल और संबंधित कच्चे माल को सफलतापूर्वक जब्त कर लिया।रायपुर में पकड़ी गई नामी कंपनी की नकली दवाओं की खेप पहाड़ से बिहार ले जाई जा रही थी। इस अवैध उद्यम की कई अन्य राज्यों में भी व्यापक उपस्थिति थी। पुलिस फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर विभाग से इस घटना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटा रही है। हालाँकि, जीएसटी विभाग से प्रतिक्रिया अभी भी लंबित है और अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा, बैंकों से खातों में लेनदेन के संबंध में जानकारी के लिए अनुरोध किया गया है, ताकि पुलिस धन के स्रोत का पता लगा सके। रायपुर में पुलिस ने नकली दवा बनाने वाली कंपनी के गोदाम और फैक्ट्री को जब्त कर लिया। नकली दवाओं का उत्पादन गुरुग्राम में जगसनपाल फार्मास्युटिकल कंपनी के नाम से किया जा रहा था। पुलिस को फैक्ट्री में लगभग 29 लाख कैप्सूल और कच्चा माल मिला। उनका कहना है कि इन सामानों की कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है।


गिरफ्तार शख्स से पूछताछ में कई दिलचस्प बातें सामने आईं। पता चला कि वह व्यक्ति इन दवाओं को बिहार में बेचता था। और क्या आपको पता है? पुलिस को पता चला कि ये दवाइयां भारी मात्रा में पहाड़ी बाजार में भेजी जा रही थीं। अब पुलिस और ड्रग विभाग मिलकर वहां कार्रवाई कर रहे हैं। बिहार से भी काफी लेनदेन हुआ। साथ ही, वे अपने व्यवसाय को ट्रैक करने के लिए जीएसटी डेटा का उपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने दोषियों के 23 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें 75 लाख रुपये जमा हैं। वे आरोपी के ग्राहकों की पहचान करने के लिए सभी लेनदेन विवरण एकत्र कर रहे हैं। जाहिर है, इनमें से कई लेनदेन बिहार में भी हुए। पुलिस इन संदिग्धों की संपत्तियों की भी जांच कर रही है। इसके अलावा, कूरियर फ़ॉन्ट का उपयोग किया। ऐसी दवाएं बनाने वाले धोखेबाज अक्सर जीएसटी और अन्य जांच चौकियों पर पकड़े जाने से बचने के लिए कोरियर का उपयोग करते हैं। इसका पता पिछले साल हरिद्वार में हुई ऐसी ही एक घटना के दौरान चला था.मैंगलोर में दवा बनाते पकड़े गए शख्स ने राज उगला कि वे कोरियर के जरिए छोटे-छोटे पैकेज दूसरे राज्यों में भेजते हैं। इस तरह, उन्हें करों का भुगतान नहीं करना पड़ता है और कोई भी वास्तव में इस व्यवसाय पर ध्यान नहीं देता है।इस मामले की फिलहाल रायपुर में पकड़े गए आरोपियों से जांच चल रही है। इसकी अत्यधिक संभावना है कि इन व्यक्तियों ने कूरियर सेवा का भी उपयोग किया होगा।

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