Digital Identity Project

आधार जैसी योजना के लिए भारत ने दिए श्रीलंका को 45 करोड़, आखिर क्या होगा इसका फायदा...

कोलंबो: भारत श्रीलंका को आधार कार्ड जैसा डिजिटल आइडेंटिटी ढांचा बनाने में मदद करने के लिए तैयार हो गया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय में हुई अहम बैठक में श्रीलंका के राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति स्टाफ के चीफ, सगाला रत्नानायका, श्रीलंका के तकनीकी मंत्री कनक हेराथ, श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले और भारतीय उच्चायुक्त के प्रथम सचिव एलडोस मैथ्यू और अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में प्रोजेक्ट पर खूब चर्चा हुई।

2022 में बातचीत हुई थी भारत और श्रीलंका में

बता दें कि भारत और श्रीलंका के बीच मार्च 2022 में इस प्रोजेक्ट को लेकर समझौता हुआ था। काफ़ी बार बातचीत हुई उसके बाद समझौते के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए इंडो श्रीलंका जॉइंट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए सॉफ्टवेयर का विकास भी भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। 

क्या है श्रीलंका का डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट

मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका का डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट.... इस प्रोजेक्ट के तहत श्रीलंका की सरकार अपने नागरिकों की बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक जानकारी को इकट्ठा करेगी। इनमें चेहरे, आंखों की पुतली और फिंगरप्रिंट का डाटा शामिल होगा। इकट्ठा करने के बाद इस जानकारी को इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक केंद्रीकृत प्रणाली में संग्रहीत किया जाएगा। यह योजना भारत में आधार योजना के जैसी ही है, जिसकी मदद से भारत में डिजिटल क्रांति लाने में मदद मिली है।

सरकारी सेवाओं का लाभ होगा

आपको बता दें कि इस स्कीम के बाद सरकारी सेवाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा और गरीबी घटेगी। साथ ही श्रीलंका सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सकेगी। श्रीलंका में आर्थिक समावेश बढ़ेगा और लोगों की बैंकिंग और अन्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।


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