RBI Repo Rate: 9वीं बार भी RBI Repo Rate में कोई बदलाव नहीं, जानें क्या होगा असर?
RBI Repo Rate: देश में लगातार बढ़ती महंगाई के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। अभी भी रेपो रेट पहले की तरह ही है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को लेकर एक ऐलान किया कि किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और वो पहले की ही तरह 6.5 फीसदी पर बरकरार है।
9वीं बार भी नहीं कुछ बदला
इस बार भी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट समान हैं। ऐसा लगातार 9वीं बार हो रहा है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। फरवरी 2023 में आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव किया गया था। उस समय रेपो रेट को 0.25% बढ़ाकर 6.50% रुपये किया गया था।
इसके मायने क्या है?
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने की वजह भी बताई है। महंगाई के कारण रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है, जिससे GDP की ग्रोथ को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहेगा। इससे पहले 3 महीने में 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2% रहने की उम्मीद हो सकती है।
क्या होगा EMI पर असर?
दरअसल, मौद्रिक नीति समिति की बैठक के दौरान दास ने कहा कि रेपो रेट को वैसे ही रखा जा रहा है, जैसे पहले था। जिसका मतलब है कि लोन की किस्तों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, अगर रेपो रेट में कटौती की जाती तो लोगों को होम लोन, पर्सनल लोन समेत अन्य तरह के लोन की किस्म में राहत मिल सकती थी। साल 2023 के बाद से लोगों के लिए रेपो रेट कम होने पर राहत भरी खबर नहीं रही है।
रेपो रेट क्या है?
बता दें, आप बैंक से जिस तरह से लोन लेते हैं ठीक वैसे ही पब्लिक और कमर्शियल बैंक भी भारतीय रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं और इन बैंकों को भी ब्याज दर पर लोन मिलता है, जिसे रेपो रेट कहा जाता है। अगर रेपो रेट कम होता है तो बैंकों को आरबीआई से सस्ते में लोन मिलता है, लेकिन इसके बढ़ने पर बैंकों को ज्यादा ब्याज के साथ लोन मिलता है। ऐसे में आम लोगों पर असर पड़ता है। रेपो रेट बढ़ने पर बैंक को अधिक ब्याज के साथ लोन मिलेगा। फिर बैंक अपने ग्राहकों को भी अधिक ब्याज के साथ लोन प्रदान करेगा। जबकि, रेपो रेट कम होने पर लोन भी सस्ते में मिलेगा।
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