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स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर मयावती का वार, बोलीं - सपा की घिनौनी राजनीति

लखनऊ: 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज है। राजनीति पार्टियों का एक-दूसरे पर वार-पलटवार शुरु है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ धाम पर विवादित बयान दिए है। जिसको लेकर राजनीति विवाद छिड़ गया है। एक ओर जहां बीजेपी इसे लेकर सपा पर हमलावर है तो वहीं अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी तीखा हमला किया है। बसपा सुप्रीमो ने स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लेते हुए इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे राजनीति से भरा बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय इस तरह की बातों से धार्मिक विवाद पैदा होगा। इन बहकावे में अब कोई आने वाला नहीं है।

मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर साधा निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि "समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान हैं"। उन्होंने आगे कहा कि "श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।"

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिया जवाब

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्वामी प्रसाद के मौर्य के बयान पर आपत्ति जताई और कहा बदरीनाथ धाम का जिक्र आदिकाल से हमारे पुराणों में होता आया है। उन्होंने इस बयान की निंदा करते हुए सपा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से जवाब मांगा उन्होंने कहा, वो भी इसी प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं और वह हमारी संस्कृति से भली-भांति परिचित हैं। डिंपल यादव को स्वयं स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देना चाहिए, यह बयान निंदनीय है।

मौर्या ने बयान में क्या कहा?

आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर सर्वे हो रहा है तो सभी हिन्दू मंदिरों का होना चाहिए क्योंकि कई हिन्दू मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बने हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि "8वीं शताब्दी तक बदरीनाथ धाम भी बौध मठ था, आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बनाया। ऐसे में अगर किसी एक की बात चलेगी तो फिर सभी की बात चलेगी। हम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं।"

चुनाव से पहले बयानबाजी

दरअसल, 2024 में लोकसभा चुनाव होने है जिसको लेकर अभी राजनीति पार्टियों के बयानबाजी तेज होती जा रही है। वहीं मानसून सत्र में लगातार मणिपुर हिंसा को उठा कर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा जा रहा है। इसी क्रम में विपक्षी दल INDIA लगभग 21 सासंद मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे है।


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