Mann Ki Baat

Mann Ki Baat: PM Modi ने मन की बात के 104वें एपिसोड को किया संबोधित, बोले- चंद्रयान नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण

नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार 27 अगस्त को 'मन की बात' की है। इस कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी ने देशवाशियों को संबोधित किए है। पीएम मोदी का 104वां एपिसोड है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सावन महाशिव, उत्सव और उल्लास का महीना है। चंद्रयान की सफलता ने उत्सव के इस माहौल को कई गुना बढ़ा दिया है। चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचे तीन दिन से ज्यादा का समय हो रहा है। ये सफलता इतनी बड़ी है कि इसकी जितनी चर्चा की जाए कम है। इस दौरान पीएम मोदी अपनी कविता भी पढ़ी।

चंद्रयान नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण- पीएम मोदी

पीएम ने कहा ये मिशन नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण हैं। इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर्स सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। पीएम मोदी ने कहा, भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उस दश को विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी कविता पढ़ी

आसमान में सिर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

रोशनी का संकल्प ले

अभी तो सूरज उगा है

दृढ़ निश्चय के साथ चलकर

हर मुश्किल को पार कर

घोर अंधेरे को मिटाने

अभी तो सूरज उगा है

पीएम मोदी ने कई बातों का किया जिक्र

  • चंद्रयान मिशन का एक पक्ष ऐसा भी रहा है जिसकी आज मैं आब सब के साथ विशेष तौर पर चर्चा करना चाहता हूं। आपको याद होगा इस बार मैंने लाल किले से कहा कि हमें महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को राष्ट्रीय चरित्र के रूप में सशक्त करना है। जहां महिला शक्ति का सामर्थ्य जुड़ जाता है, वहां असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
  • भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है | इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। इन्होंने अलग-अलग सिस्टम्स के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्ट मैनेजर और ऐसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली है।
  • भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं | किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उसे, उस देश को, विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है!
  • चंद्रयान-3 की सफलता से हमारे वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे सेक्टर्स की भी अहम भूमिका रही है। तमाम पार्ट्स और तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में कितने ही देशवासियों ने योगदान दिया है। जब सबका प्रयास लगा तो सफलता भी मिली। यही चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी सफलता है।
  • इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने सबका प्रयास का सामर्थ्य देखा सभी देशवासियों के प्रयास ने हर घर तिरंगा अभियान को वास्तव में हर मन तिरंगा अभियान बना दिया। इस अभियान के दौरान कई रिकॉर्ड भी बने। देशवासियों ने करोड़ों की संख्या में तिरंगे खरीदे। डेढ़ लाख पोस्ट ऑफिस के जरिए करीब डेढ़ करोड़ तिरंगे बेचे गए। इससे हमारे कामगारों की, बुनकरों की और खासकर महिलाओं की सैकड़ों करोड़ रुपये की आय भी हुई।
  • तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने में भी इस बार देशवासियों ने नया रिकॉर्ड बना दिया। पिछले साल 15 अगस्त तक करीब पांच करोड़ देशवासियों ने तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट की थी। इस साल ये संख्या 10 करोड़ को भी पार कर गई है।
  • इस समय देश में मेरी माटी, मेरा देशदेशभक्ति की भावना को उजागर करने वाला अभियान जोरों पर है।सितंबर के महीने में देश के गांव-गांव में, हर घर से मिट्टी जमा करने का अभियान चलेगा। देश की पवित्र मिट्टी हजारों अमृत कलश में जमा की जाएगी। अक्टूबर के अंत में हजारों अमृत कलश यात्रा के साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे। इस मिट्टी से ही दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है, हर देशवासी का प्रयास इस अभियान को भी सफल बनाएगा।
  • इस बार मुझे कई पत्र संस्कृत भाषा में मिले हैं | इसकी वजह यह है कि सावन मास की पूर्णिमा, इस तिथि को विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। सर्वेभ्य: विश्व-संस्कृत-दिवसस्य हार्द्य: शुभकामना: आप सभी को विश्व संस्कृत दिवस की बहुत-बहुत बधाई।
  • हम सब जानते हैं कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है | इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है | संस्कृत अपनी प्राचीनता के साथ-साथ अपनी वैज्ञानिकता और व्याकरण के लिए भी जानी जाती है।
  • भारत का कितना ही प्राचीन ज्ञान हजारों वर्षों तक संस्कृत भाषा में ही संरक्षित किया गया है। योग, आयुर्वेद और दर्शन शास्र जैसे विषयों पर रिसर्च करने वाले लोग अब ज्यादा से ज्यादा संस्कृत सीख रहे हैं। कई संस्थान भी इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। संस्कृत भारतीलोगों को संस्कृत सिखाने का अभियान चलाती है | इसमें आप 10 दिन के संस्कृत संभाषण शिविरमें भाग ले सकते हैं।

 


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