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Masood Azhar का पूरा परिवार खत्म !, फूट-फूटकर रोया आतंकी

Lucknow Desk: भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला पूरा कर लिया है। जानकारी के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकी Masood Azhar का पूरा परिवार खत्म हो गया है। भारतीय सेना द्वारा किए गए स्ट्राइक में Masood Azhar की पत्नी, बेटा और बड़ी बहन सहित उसके पूरे परिवार के 10 लोगों को मारे जाने की खबर सामने आई है।

Masood Azhar का पूरा परिवार खत्म

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस हमले में Masood Azhar की बहन, बहनोई और चार करीबी गुर्गे के मारे की खबर आई है। मारे गए लोगों में मौलाना काशिफ, उसका परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी, पोते और बच्चे शामिल हैं। इस हमले में Masood Azhar का पूरा परिवार खत्म हो गया है जिसके वजह से Masood Azhar परेशान है और उसने कहा कि अच्छा होता मैं भी मर जाता।

रिपोर्ट के मुताबिक, बहावलपुर के Masood Azhar के मदरसे मरकज सुभानअल्लाह पर भारत की तरफ से चार मिसाइलें दागी गई हैं। इससे ये पूरा परिसर तबाह हो गया है। यह परिसर जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल हेडवक्वार्टर के तौर के रूप में काम करता है। बहावलपुर स्थित इसी परिसर में जैश चीफ Masood Azhar और दूसरे कई आतंकियों का घर भी है। ऐसे में इस हमले में मसूद का परिवार भी खत्म हो गया है।

यहां पर मदरसा परिसर है। जहां पर बीते तीन दशक से आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस मदरसे में 600 से ज्यादा युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दिए जाने का दावा किया जाता है। Masood Azhar और आतंकी सगरना खुद यहां आकर उन्माद फैलाने वाले भाषण देते रहे हैं। ऐसे में भारत की मिसाइलों के निशाने पर यह परिसर था।

भारत ने पाकिस्तान पर किया हमला

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी 26 लोग बेकसूर मारे गए थे। इसकी जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत ने पाकिस्तान पर यह हमला किया है। मंगलवार रात और बुधवार तड़के भारत की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पंजाब में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए गए हैं।

कौन है आतंकी Masood Azhar?

पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब में बहावलपुर स्थित मरकज सुभानअल्लाह में Masood Azhar के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय चलता है। वह 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले और 2019 का पुलवामा हमलों का मास्टरमाइंड है। Masood Azhar को 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के हाइजैक के बाद छोड़ा गया था, जब भारत को अपने तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था। जिसके बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की और भारत के खिलाफ आतंक फैलाने की साजिशों को अंजाम देने लगा।

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