
Pandit Deendayal : आज दीनदयाल उपाध्याय की जयंती , जानें क्या खास बात
Lucknow Desk : गरीबों और दलितों के मसीहा और राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज जयंती है। इस मौके पर दिल्ली में आज उनकी 63 फीट ऊंची मूर्ति का पीएम मोदी अनावरण करेंगे। इस मौके पर दिल्ली में आज उनकी 63 फीट ऊंची मूर्ति का पीएम मोदी अनावरण करेंगे। ये मूर्ति दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय पार्क में बनी है। इसे मिक्सड मेटल से बनाया गया है। दीनदयाल का जन्म 25 सितंबर 1916 को यूपी के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार सुबह भाजपा के प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राजकीय कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम सबका सम्मान करते हैं। हम सब जगह जाते हैं। जहां जाना होता है वहां जाते ही हैं। कौन क्या बोलता है, उससे हमको क्या लेना देना है। हम सब लोगों के सम्मान में काम करते हैं।
कल तेजस्वी बाहर जा रहे, इसलिए कैबिनेट आज
अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाने के सवाल पर कहा कि मेरे डिप्टी सीएम मंगलवार को बाहर जा रहे थे। इसलिए मैंने कहा कि तुम रहे। इसलिए तेजस्वी की सुविधा के कल के बदले आज कैबिनेट की बैठक कर रहे हैं। यह बेचारा कल नहीं रहेगा। सामान्य बैठक जो कल (मंगलवार) को करते, अब वह आज करेंगे। अन्य कोई विशेष बात नहीं है।
1937 में दीनदयाल जब कानपुर से बीए कर रहे थे, तब अपने साथ पढ़ने वाले बालूजी महाशब्दे के कहने से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। इसके बाद उन्हें संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार का संरक्षण मिला और वह पढ़ाई के बाद संघ के आजीवन प्रचारक हो गए। संघ के प्रचारक रहने के दौरान दीनदयाल राजनीति में सक्रिय हुए और जब जनसंघ का 1952 में प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ तो दीनदयाल इस दल के महामंत्री बने। इस अधिवेशन में पारित 15 प्रस्तावों में से 7 दीनदयाल उपाध्याय ने प्रस्तुत किए थे। इस दौरान डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि अगर मुझे 2 दीनदयाल मिल जाएं, तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दूंगा।