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UP Politics: मायावती का फोन नहीं उठाने पर अखिलेश का जवाब, अब फिर Mayawati का एक्स पर पोस्ट

UP Politics: यूपी में इन दिनों बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती काफी चर्चाओं में हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर BSP तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं BSP की तरफ से बुकलेट में दावा किया गया है कि साल 2019 में समाजवादी पार्टी और BSP  का गठबंधन इसलिए टूटा क्योंकि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी की मुखिया अखिलेश यादव ने मायावती का फोन नहीं उठाया। मायावती की तरफ से दावा किया गया है कि अखिलेश यादव ने उनका और BSP के किसी भी नेता का फोन नहीं उठाया और न ही बात की। जिसके बाद बसपा ने गठबंधन तोड़ लिया।

वहीं मायावती के इन आरोपों पर अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी तरफ से फोन किया गया था। मगर कभी-कभी लोग अपनी बातें छिपाने के लिए ऐसी बातें करते हैं।

मायावती ने सोशल मीडिया X पर की पोस्ट

इसी बीच अब BSP मुखिया मायावती ने इस बात को लेकर अपने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी में BSP के 10 व समाजवादी पार्टी के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था। जिसको लेकर उनके द्वारा अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय? सोचने वाली बात।

वहीं मायावती ने आगे लिखा कि बीएसपी जातिवादी संकीर्ण राजनीति के विरुद्ध है। अतः चुनावी स्वार्थ के लिए आपाधापी में गठबंधन करने से अलग हटकर बहुजन समाजमें आपसी भाईचारा बनाकर राजनीतिक शक्ति बनाने का मूवमेन्ट है ताकि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का मिशन सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर आत्मनिर्भर हो सके।

इस विवाद में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी किए पोस्ट

वहीं इस पूरे विवाद में अखिलेश यादव को घेरने के लिए मायावती के साथ बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मैदान में आ गए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा कि बहन जी फोन करने के पूर्व मेरे द्वारा फोन करने पर सपा प्रमुख फोन पर नही आए, फिर पार्टी कार्यालय से फोन गया और तब फिर भी फोन पर सपा प्रमुख से बात नहीं करायी गयी। फिर भी बहन जी ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन कर के हौसला देने की कोशिश की थी लेकिन वह फोन पर नहीं आए, और इस सबका परिणाम यह रहा कि बीएसपी को गठबंधन तोड़ना पड़ा।


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