DSP Humayun Bhatt

Anantnag Attack: जब बूढ़े पिता ने शहीद बेटे हुमायूं को दी श्रद्धांजलि, रो पड़ा पूरा देश

Anantnag Attack: पाकिस्तानी आंतकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 3 अधिकारियों की मौत हो गई है। बता दें कि इस मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हुए हैं।

पूरे देश में गुस्से का माहौल

इस दिल दहला देने वाली घटना से पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनौक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुज़म्मिल भट्ट गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत श्रीनगर एयरलिफ्ट किया गया। लेकिन यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

DSP हुमायूं भट्ट के पिता थे IG

दरअसल, जेकेपीएस के 2018 बैच के अधिकारी हुमायूं के पिता गुलाम हसन खुद एक्स आईपीएस ऑफिसर हैं। ड़ेढ़ साल पहले ही हुमायूं की शादी हुई थी और 26 दिन पहले ही वो एक नन्ही बेटी के पिता बने थे, उस दुधमुंही बच्ची को तो ये तक नहीं पता कि उसके पिता अब दुनिया में नहीं रहे।

बूढ़े पिता ने शहीद बेटे को दी श्रद्धांजलि

आज जब तिरंगे में लिपटे हुमायूं के पार्थिव शरीर को उनके पिता गुलाम हसन पुष्पांजलि देने पहुंचे तो वो दृश्य देखकर हर भारतीय द्रवित हो उठा।

बता दे कि एक बाप हमेशा सोचता है कि 'वो बेटे के कंधे पर बैठकर दुनिया से विदा ले' लेकिन जब बाप के सामने उसका जवान बेटा इस तरह से चला जाए तो उस दर्द को बयां कर पाना असंभव है।

'हुमायूं अपने पीछे एक महीने का बच्ची छोड़ गए हैं'

जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'हमारे सहयोगी, खुद एक अनुभवी पुलिस अधिकारी, पूर्व आईपीएस गुलाम हसन भट्ट, अपने बेटे डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट्ट के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए। हुमायूं अपने पीछे एक महीने का बच्ची छोड़ गए हैं।'

एक बार फिर शुरू हुआ ऑपरेशन

जानकारी के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा के एक शेडो ग्रुप माने जाने वाले रजिस्टेंस फ्रंट ने इसकी जिम्मेदारी ली है। भारत सरकार रजिस्टेंस फ्रंट पर प्रतिबंध लगा चुकी है। सेना के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि ये ऑपरेशन 13 सितंबर की शाम से शुरू हुआ था। देर रात इसे बंद कर दिया गया।

14 सितंबर की सुबह एक बार फिर आतंकवादियों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन की शुरुआत की गई है। सेना को उनके एक ठिकाने पर छिपे होने की सूचना मिली है।


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