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Important News : कैंसर से डर हुआ खत्म, कैंसर को जड़ से खत्म करने का मिला रास्ता

Lucknow Desk : पूरी दुनिया कैंसर बीमारी से डरती है। क्यों की इसके बाद 90 % लोगों के ना बचने के चान्सेस होते है। लेकिन अब रुद्र के अश्रु से बना रुद्राक्ष कैंसर के उपचार में भी सहायक बनेगा। इसके लिए चूहों पर किए गए ट्रायल में सफलता भी मिल चुकी है। इंसानों पर ट्रायल के लिए शोभित विवि के शोधार्थियों की बीएचयू के साथ अनुबंध की तैयारी है।

डॉ. रे ने बताया कि अपनी दिनचर्या के अन्दर कुछ मामूली बदलाव लाकर भविष्य में होने वाले कैंसर की सम्भावना को कम किया जा सकता है, वहीं कैंसर होने पर इसे बढऩे से रोका जा सकता है। जो प्राकृतिक नियम जीवन के लिए हैं, वहीं इसमें निभाने होंगे। इसके लिए कोई अलग नियम नहीं बने हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर को रोकने पर गहन शोध चल रहा है। मिथाइलग्लॉक्सल के जरिए कैंसर के उपचार को लेकर अच्छे परिणाम सामने आए हैं। मिथायल ग्लायाक्सोल की कोशिकाओं में कमी के कारण कैंसर होता है।

डॉ. शिवा शर्मा ने बताया कि रुद्राक्ष न सिर्फ धारण करने पर बल्कि दवा के रूप में भी उम्मीद से ज्यादा लाभकारी है। 26 तथ्यों से युक्त रुद्राक्ष की इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड इंसान की बायो इलेक्ट्रोसिटी के संपर्क में आने से हीलींग थेरेपी का काम करती है। इससे रक्तचाप, तनाव आदि से राहत मिलती हैं। इसमें कई लाभकारी फाइटो कैमिकल्स भी हैं। एक्लेलॉइड, फिनोलिक व फ्लेवेनोइड्स फाइटो कैमिकल्स का अतुलनीय संतुलन हैं। यह कैंसर के रोगी के लिए रामबाण हैं। रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स की क्षमता और प्रभाव कीमोथैरेपीजैसा हैं। कीमोथैरेपी कराने से बाल झड़ना, भूख-प्यास न लगना। बेचैनी, घबराहट जैसे कई साइड इफेक्ट होते हैं। रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स से कोई साइट इफेक्ट नहीं होता है।

10 चूहों पर परीक्षण हुआ सफल
रुद्राक्ष के फाइटो कैमिकल्स का परीक्षण कैंसर पीड़ित चूहों पर हुआ है। डॉ. शिवा ने बताया कैंसर से गंभीर पीड़ित चूहों को दिन में तीन बार फाइटो कैमिकल्स से बनी दवा की डोज दी गई। 15-15 दिन में उनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इस दौरान चूहों की भूख-प्यास कतई प्रभावित नहीं हुई। लीवर, किडनी के अलावा हाजमा भी सही रहा। कुछ समय बाद जब परीक्षण किया तो परिणाम हैरान करने वाला निकला। अधिकांश चूहों को कैंसर से मुक्ति मिल गई।


 


 


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