
Ratan Tata : रतन टाटा को जान से मारने के लिए गैंगस्टर ने दी थी सुपारी , जाने क्या है पूरा मामला
Lucknow Desk : टाटा संस के एमेरिटस चेयरमैन रतन टाटा अपने व्यवसाय, अपने ज्ञान और निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। रतन टाटा अक्सर खबरों में बने ही रहते हैं। रतन टाटा के कई फैसले लोगों को नागवार गुजरे लेकिन बाद में वो फैसले काफी अहम साबित हुए। वहीं ऐसे में उनसे जुड़ा करीब एक दशक पुराना वीडियो सामने आया है, जिसमें वह टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में अपने शुरुआती दिनों के दौरान एक गैंगस्टर के साथ हुई मुठभेड़ का किस्सा बता रहे। वहीं, वह यह भी बता रहे थे कि कैसे कई बार उनके फैसले नागवार होते रहे हैं और आगे चलकर वहीं अहम साबित होते।
खतरनाक गैंगस्टर से हुआ सामना
रतन टाटा के करियर की शुरुआत टाटा स्टील से ही हुई थी। टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में काम करने के दौरान वह जमशेदपुर में रहे थे। इस दौरान ही यह घटना घटी थी। उन्होंने कहा कि उनका सामना एक खतरनाक गैंगस्टर से हुआ था, जब वह जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनको जान से मारने की धमकी दी गई थी। टाटा मोटर्स की यूनियन पर कब्जा करने के लिए बदमाशों ने हर संभव कोशिश की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कारोबारी और टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा को जमशेदपुर में टाटा मोटर्स प्लांट में काम करने के दौरान गैंगस्टरों ने जान से मारने की धमकी दी थी। ऐसा ही एक वीडियो कोलंबिया बिजनेस स्कूल ने रतन टाटा के भाषण को लेकर शेयर किया है, जिसमें उन्होंने इसके बारे में जानकारी दी है। आपको बता दें कि रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा स्टील से की थी और उन्होंने जमशेदपुर में टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में भी काम किया है।
उन्हें ऐसे फैसले पर कोई अफसोस नहीं है। अपने भाषण में रतन टाटा ने खुलासा किया कि जब वह टाटा मोटर्स में तैनात थे तो उनका भी एक खतरनाक गैंगस्टर से सामना हुआ था। उन्होंने कहा कि उन्हें मारने की सुपारी गैंगस्टर ने दी थी। टाटा मोटर्स की यूनियन पर कब्जा करने के लिए गैंगस्टर की ओर से हर संभव कोशिश की गई थी। गैंगस्टर संघ का नियंत्रण अपने हाथ में रखने की कोशिश कर रहा था। गैंगस्टरों के अनुयायी बहुत बड़े थे, जो हिंसक और डराने वाले थे। लोग सुझाव दे रहे थे कि रतन टाटा गैंगस्टर की मांग मान लें और बातचीत के जरिए अपना विवाद सुलझा लें। रतन टाटा ने बताया कि उन्होंने ऐसे सुझावों को नजरअंदाज किया और उनका सामना करने का फैसला किया। रतन टाटा ने बताया कि उस वक्त गैंगस्टर के सामने पुलिस भी बेबस थी और गैंगस्टर टाटा मोटर्स प्लांट के कर्मचारियों पर हमला कर रहा था।
वहीं आपको बता दें कि खूंखार गैंगस्टर ने रतन टाटा को संदेश भेजने के लिए टाटा मोटर्स के कुछ अधिकारियों पर भी हमला किया और उन्हें चाकू मार दिया। गैंगस्टर से लगातार धमकियां मिलने के बाद भी रतन टाटा ने झुकने से इनकार कर दिया। इसके बाद गैंगस्टर ने हड़ताल कर दी और मजदूरों ने हमले के डर से काम पर जाने से इनकार कर दिया। रतन टाटा खुद कर्मचारियों से बात करने के लिए टाटा मोटर्स प्लांट में रुके थे। उन्होंने टाटा मोटर्स के सभी कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा की, जिसके बाद हड़ताल खत्म हो गयी। इसके बाद गैंगस्टर के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई और आखिरकार पुलिस उसे पकड़ने में सफल रही. जेल से बाहर आने के बाद उक्त गैंगस्टर ने रतन टाटा को मरवाने का आदेश दिया तो सभी ने रतन टाटा को उससे समझौता कर लेने की सलाह दी। लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद गैंगस्टर को टाटा मोटर्स के कर्मचारियों ने ही चुनाव में हरा दिया।