Dhiraj Sahu IT Raid

Dhiraj Sahu IT Raid: सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर रेड जारी, इतने पैसे गिनते-गिनते थक गई मशीन

Lucknow Desk: आयकर विभाग ने एक बार फिर बड़ी कार्यवाई करते हुए लगभग 220 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त किया है। बता दे कि ये कैश कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके रिश्तेदारों के कई ठिकानों से जब्त किया गया है। आयकर विभाग ने कई ठिकानों पर छापेमारी कर रकम ज्बत की है। छापेमारी के दौरान इन ठिकानों से जब्त नोटों की संख्या इतना ज्यादा थी कि उन्हें गिनने के लिए मंगवाई गई कई मशीनें भी खराब हो गईं। जानकारी के अनुसार, नोटों की संख्या को देखते हुए उन्हें डेढ़ सौ से ज्यादा बैगों में भरकर ट्रक के जरिए लाया गया और बैग कम पड़ जाने पर इन नोटों के बंडलों को बोरों में भी भरकर रखा गया। जानकारी के अनुसार, नोटों की गिनती में अभी एक से दो दिन और लग सकते हैं। ऐसे में जब्त राशि और बढ़ेगी।

220 करोड़ से ज्यादा कैश

दरअसल, आयकर विभाग की ये छापेमारी तीन राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई ठिकानों पर की है। आयकर विभाग ने ओडिशा में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। ये कंपनी कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार की है। आयकर विभाग की 40 सदस्यों वाली टीम ने बुधवार को ही ओडिशा के बौध, बोलांगीर और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में एक साथ छापेमारी शुरू की थी और इन जगहों पर हुई छापेमारी के दौरान ही ये रुपये जब्त किए गए है।

आखिर कौन हैं धीरज साहू?

बता दे कि धीरज प्रसाद साहू का जन्म 23 नवंबर 1959 को हुआ था। वे एक कांग्रेस नेता हैं। धीरज प्रसाद साहू जुलाई 2010 में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बने थे और अभी भी सांसद हैं। धीरज प्रसाद साहू के पिता बलदेव साहू थे। कहा जाता है कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। धीरज प्रसाद साहू के भाई शिव प्रसाद साहू रांची से सांसद रह चुके हैं। उनका निधन हो चुका है। पढ़ाई की बात करें तो धीरज प्रसाद साहू ने ग्रेजुएशन किया है। धीरज प्रसाद साहू पेशे से शराब कारोबारी हैं। ओडिशा की बौध डिस्टलरी उनके परिवार की कंपनी है। जो झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक फैला है। इनकम टैक्स ने तीनों राज्यों ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में उनके 25 ठिकानों पर एक साथ छापे मारी कर ये रकम जब्त की है।

कितना पैसा मिला?

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, छापे के दौरान नोटों की गड्डियों से भरी करीब 10 अलमारियां मिलीं। ये अलमारियां 500, 200 और 100 रुपए के नोटों से भरी हुई थीं। जिनकी गिनती अब भी जारी है। नकदी का सही आंकड़ा गिनती के बाद ही पता चल पाएगा। बताया गया कि छापे के दौरान जब्त इन नोटों की गिनती में बैंककर्मियों के साथ-साथ आकर विभाग के तीस से ज्यादा कर्मचारी भी जुटे हैं। नोट गिनने के लिए 8 से ज्यादा मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान कई मशीनें खराब भी हो गईं।

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