Cauvery Water Dispute

Cauvery Water Dispute: कावेरी जल विवाद पर दिल्ली में हुई अहम बैठक, जानिए कौन-कौन रहा शामिल

Lucknow Desk: कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य के सांसद और कई मंत्री शामिल हुए। इसमें कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य सरकार को तमिलनाडु के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया। कावेरी विवाद के अलावा बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष लंबित राज्य परियोजनाओं और सूखा राहत मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचे सिद्धारमैया

बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचे थे। वह 20 सितंबर को कावेरी जल विवाद पर होने वाली बैठक में शामिल होने आए हैं। इसमें कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, उनके राज्य के सांसद और मंत्री मौजूद हैं।

कर्नाटक सरकार के दिल्ली विशेष प्रतिनिधि टीबी जयचंद्र पहले ही नई दिल्ली पहुंच चुके हैं और कल होने वाली महत्वपूर्ण बैठक के लिए कर्नाटक भवन में प्रारंभिक चर्चा की गई।

इस बैठक में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री, राज्य के लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य शामिल हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार

कावेरी जल विवाद पर सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले 100 वर्षों की तुलना में हमें अगस्त में बारिश की भारी कमी का सामना करना पड़ा है। हमारे पास पानी नहीं है, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं।

पीएम मोदी को लिखेंगे पत्र

सिद्धारमैया ने आगे कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखने और दिल्ली में कर्नाटक के सभी सांसदों और मंत्रियों से मिलने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि हमने भारत के प्रधान मंत्री और जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखने का भी निर्णय लिया है कि हम एक प्रतिनिधिमंडल में आ रहे हैं, कृपया हमें एक तारीख दें। हम दिल्ली जाकर कर्नाटक के सभी सांसदों और मंत्रियों से मिलने की सोच रहे हैं।

वहीं कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का कहना है कि राज्य के सभी सांसद मिल रहे हैं, हम एकजुट होकर कर्नाटक के हितों की रक्षा करेंगे और सुप्रीम कोर्ट से भी मदद की अपील कर रहे हैं।

क्या है कावेरी जल विवाद ?

कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। नदी को दोनों राज्यों में लोगों के लिए जीविका के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जाता है। जहां एक ओर, कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी की आपूर्ति से इनकार करने के लिए अपने राज्य के कुछ हिस्सों में गंभीर सूखे का हवाला दिया है तो वहीं दूसरी ओर, तमिलनाडु सरकार ने अपने पड़ोसी देश पर पानी की आपूर्ति पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया है। केंद्र ने तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी के बीच उनकी इसी व्यक्तिगत जल-साझाकरण क्षमताओं के संबंध में विवादों का निपटारा करने के लिए ही 2 जून, 1990 को कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (CWDT) का गठन किया है।


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