Lalu Prasad Yadav

Supreme Court से लालू प्रसाद यादव को मिली राहत, CBI ने दी थी याचिका

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गया है। आज शुक्रवार यानी 25 अगस्त को लालू यादव की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 अक्टूबर तक जमानत रद्द कर दी है।

Supreme Court ने क्या कहा?

Supreme Court ने कहा है कि 17 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे। सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि लालू ने 42 महीने जेल में काटे हैं। उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। लालू प्रसाद यादव ने जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका का विरोध किया और कहा है कि CBI की याचिका खारिज की जाए।

लालू यादव ने क्या कहा?

जवाब में लालू यादव का कहना है कि सजा निलंबित करने के हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि सीबीआई इस फैसले से असंतुष्ट है। हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के कारण बताते हुए कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई मकसद पूरा नहीं होगा।

चारा घोटाले से जुड़े मामलों में मिली थी जमानत

Supreme Court चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देने वाली CBI  की याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई करने जा रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची हाई कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े मामलों में जमानत दे दी थी। CBI  ने हाई कोर्ट के सभी आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि पूर्व लालू यादव को चारा घाटाला मामले में दोषी ठहराया गया था और उनकी अपीलें कई अदालतों में लंबित हैं।

CBI की याचिका पर नोटिस से इनकार

गौरतलब है कि इस साल मार्च में Supreme Court ने झारखंड के डोरंडा कोषागार केस में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत को चुनौती देने वाली CBI की याचिका पर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद इसे लंबित अपील की सूची में डाल दिया गया था। इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उस वक्त न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा था कि वह नोटिस जारी नहीं कर रही है बल्कि मामले को CBI द्वारा दायर इसी तरह की लंबित अपील के साथ जोड़ रही है।


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