Lalu Yadav

Lalu Yadav की फिर बढ़ी मुश्किलें, केंद्र सरकार ने CBI को केस चलाने की दी मंजूरी

पटना: राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। दरअसल, लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में केंद्र सरकार ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। इस बात की जानकारी CBI ने राउज एवेन्यू कोर्ट को दी। हालांकि, इस मामले में आरोपी तीन अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति सरकार से नहीं मिली है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक हफ्ते बाद इसकी भी अनुमति मिल जाएगी।

लैंड फॉर जॉब्स मामले में फिर फंसे लालू यादव

बता दें कि CBI ने केंद्र से 1 महीने पहले लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी। CBI ने आज यानी मंगलवार (12 सितंबर) को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब्स केस में ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।

CBI ने बताया कि लालू के अलावा रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, जो फिलहाल नहीं मिली है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में इजाजत मिल जाएगी। उधर लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टल गई है। कोर्ट ने 21 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला का ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उस समय केंद्र में रेल मंत्री थे। लालू यादव परिवार पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में की गई नियुक्तियों के बदले उन्हें गिफ्ट में जमीन दी गई या फिर कम दाम पर जमीन बेची गई।

लैंड फॉर जॉब्स मामले में पूरे परिवार पर केस

इस कथित घोटाले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती सहित परिवार के अन्य लोगों पर भी आरोप है। आरोप है कि रेलवे के नियमों में अनदेखी करती हुए लोगों को नौकरी दी गई और इसकी एवज में उनसे लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन लिखवाई गई। सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है।

बता दें कि CBI ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था। CBI के अनुसार, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया।


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