UPSC Lateral Entry Vacancy

UPSC Lateral Entry Vacancy: लेटरल एंट्री भर्ती पर रोक लगाने के लिए क्यों मजबूर हुई मोदी 3.0 सरकार, जानिए क्या है वजह?

UPSC Lateral Entry Vacancy:  देश में यूपीएससी को लेकर एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर भर्ती का विज्ञापन रोक दिया है। जिसके बाद से इस संबंध में मंत्री ने यूपीएससी को पत्र लिखा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव और संयुक्त सह सचिव के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस मुद्दे पर पहले विपक्ष ने मोर्चा खोला और इसके बाद में एनडीए सहयोगियों ने भी फैसले की आलोचना कर दी। जिसके बाद मंगलवार की दोपहर केंद्र सरकार की ओर से लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती प्रक्रिया को रोकने की जानकारी दी गई।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश पर केंद्रीय जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर लेटरल एंट्री वाले भर्ती विज्ञापन को कैंसिल करने की बात कही है। वहीं बीते शनिवार को यूपीएससी ने 45 पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती का विज्ञापन निकाला था। इनमें 10 पद संयुक्त सचिव के लिए थे, वहीं 35 पद डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के थे। इन पदों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लेटरल एंट्री के जरिए भरा जाना था। इस स्कीम का मकसद सरकारी विभागों में विशेषज्ञों की नियुक्ति करना था। इनमें वो लोग भी शामिल थे, जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते रहे हैं।

लेटरल एंट्री पर विपक्ष ने खोला मोर्चा

बता दें कि विपक्ष के नेताओं राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने लेटरल एंट्री का जोरदार विरोध किया था। लेकिन एनडीए के सहयोगियों चिराग पासवान और नीतीश कुमार की पार्टी ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया। वहीं टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू ने लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती का समर्थन किया था।

लेटरल एंट्री पर जेडीयू ने क्या कहा?

लेटरल एंट्री मामले पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये भर्ती विज्ञापन पिछड़ों के अधिकारों के खिलाफ है। वहीं चिराग पासवान ने कहा था कि उसकी पार्टी इससे सहमत नहीं है और लेटरल एंट्री के खिलाफ है। मोदी 3.0 को सिर्फ टीडीपी का समर्थन मिल पाया।

‘IAS का प्राइवेटाइजेशन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री के मामले पर हमला बोलते हुए इसे आईएएस का प्राइवेटाइजेशन करार दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए बहुजनों का हक मार रही है। वहीं अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की साजिश कर रही है। इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है।

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