
FIR के बाद भी Maulana Sajid Rashidi अपने बयान पर अडिग, जानें क्या बोलीं Dimple Yadav
Lucknow Desk: Maulana Sajid Rashidi अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी Dimple Yadav पर अभद्र टिप्पणी किया है। जिसके वजह से रशीदी पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसपर मौलाना साजिद रशीदी का बयान आया है।
अपने कमेंट पर अडिग हैं रशीदी
दरअसल, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिश रशीदी Dimple Yadav के पहनावे पर किए गए अपने कमेंट पर अडिग हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई अमर्यादित बयान नहीं दिया है। रशीदी ने कहा, मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है। सवाल यह है कि मैंने ऐसा क्या कर दिया कि एफआईआर तक नौबत पहुंच गई। ऐसा क्या कर दिया कि संसद में बकायदा सांसद मिलकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। क्या मैंने आतंकवादी हमला कर दिया? या फिर मैं मुसलमान हूं इसलिए मेरे लिए विरोध प्रदर्शन है।
उन्होंने आगे कहा, 'क्या मस्जिद की मर्यादा मस्जिद की मर्यादा नहीं है? डिंपल यादव... एक इंसान की मर्यादा कहीं न कहीं मंदिर-मस्जिद से बड़ी हो गई है। क्या डिंपल यादव जो पूजा-अर्चना करती हैं वो इसी हालत में कर लेती हैं, जिस हालत में वो मस्जिद में बैठी थीं? मैंने ऐसा को अमर्यादित बयान नहीं दिया है। मैंने इस्लामिक मान्यताओं को सामने रखते हुए यह बयान दिया है। मैं अपने बयान पर अडिग हूं।
आखिरकार क्या है पूरा मामला?
बता दें, हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग की मस्जिद में समाजवादी पार्टी की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद Dimple Yadav और इकरा हसन समेत सपा के कई नेता शामिल थे। मस्जिद में हुई इस बैठक पर Maulana Sajid Rashidi ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के कपड़ों पर अभद्र टिप्पणी की। इसके बाद से मौलाना की अभद्र टिप्पणी को लेकर विरोध शुरु हो गया। खासकर महिलाओं में भारी रोष है। इस बीच अब यूपी पुलिस ने इस मामले में Maulana Sajid Rashidi के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
Dimple Yadav क्या बोलीं?
सपा सांसद Dimple Yadav ने ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष Maulana Sajid Rashidi की टिप्पणी को लेकर NDA नेताओं के विरोध प्रदर्शन पर कहा, अच्छा होता यदि वे लोग मणिपुर जैसी घटना के खिलाफ भी इसी तरह प्रदर्शन करते और महिलाओं के साथ खड़े होते। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भाजपा के नेता और बड़े-बड़े मंत्रियों ने मंच से हमारे सेना के अफसरों के लिए जिस तरह की बयानबाजी की, अगर उनके खिलाफ वे यानी NDA नेता खड़े दिखाई देते तो ज्यादा अच्छा होता।