Colonel Manpreet

Chandigarh : जिद, जज्बा और जुनून की मिसाल थे शहीद कर्नल मनप्रीत , आज अंतिम संस्कार

Lucknow Desk : जिद, जज्बा और जुनून की मिसाल शहीद कर्नल मनप्रीत अब हमारे बीच इस दुनिया में है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में शहीद हुए भड़ौजियां गांव के सपूत कर्नल मनप्रीत सिंह 12 सिख लाइट इन्फेंट्री में थे। इस इन्फेंट्री में वे अपनी जिद के कारण ही शामिल हुए थे।  न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह का आज उनके पैतृक गांव भड़ोजियां में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। चंडी मंदिर आर्मी कैंट से थोड़ी देर में उनका पार्थिव शरीर अंतिम सफाई पर गांव के लिए रवाना होगा। 

बताते चले की मनप्रीत के दादा तीन भाई थे-शीतल सिंह, साधु सिंह और त्रिलोक सिंह। तीनों ने भारतीय सेना में सेवाएं दीं। शीतल सिंह ने भारत-पाक बंटवारे से लेकर सेना से सेवानिवृत्त होने तक तीन युद्धों में हिस्सा लिया। शीतल सिंह के चार बेटे हुए। उनमें से तीन ने सेना ज्वाइन की। शहीद की पार्थिव देह चंडी मंदिर कैंट से चंडीगढ़ के मध्य मार्ग से होते हुए PGI के जरिए न्यू चंडीगढ़ में दाखिल होगी। शहीद की अंतिम यात्रा के रास्ते पर लोग सफाई कर रहे हैं।

शहीद कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा के पंचकूला में पिंजौर सरकारी स्कूल में टीचर हैं। उनके 2 बच्चे 7 साल का बेटा कबीर और ढाई साल की बेटी बानी हैं।

पिता भी सरकारी नौकरी पर थे 

शहीद कर्नल मनप्रीत के पिता स्व. लखमीर सिंह सेना में सिपाही थे। 12 सिख लाइट इन्फेंट्री में हवलदार के पद से रिटायर हुए। उसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी सुपरवाइजर के तौर पर काम किया। वर्ष 2014 में ब्रेन हैमरेज से मौत हुई तो मनप्रीत के छोटे भाई संदीप सिंह को उनकी जगह नौकरी मिल गई। मनप्रीत की एक बहन है। इसी के साथ पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब सरकार की तरफ से मोहाली से MLA और राज्य की टूरिज्म मिनिस्टर अनमोल गगन मान अंतिम संस्कार में शामिल होंगी।

शहीद कर्नल के साथ पढ़े गांव के दीपक सिंह ने बताया कि मनप्रीत बचपन से ही काफी बहादुर थे। वह जो ठान लेते थे, उसको पूरा करके ही रहते थे। 2021 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे आतंकवादियों का सामना किया था और उन्हें ढेर कर दिया था। इसके बाद उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल के कर्नल थे। सेना की इसी बटालियन ने 2016 में आतंकी बुरहान वानी को ठिकाने लगाया था।

 


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