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Chhattisgarh : शादी में आत्माओं का होता हैं न्योता, घर में है मंदिर

Lucknow Desk : आपने सुना होगा कि हमारे यहां आत्माओं को दूर भागाने के लिए कितना पूजा - पाठ कराया जाता हैं। लेकिन कभी अपने सुना हैं कि आत्माओं को बुलाने के लिए उनको न्योता दिया जाता हैं। उनकी पूजा की जाती हैं। उनका मंदिर बनाया जाता हैं। पहले नानी कहानी सुनाती थी कि भूत प्रेत को भागाने के लिए हवन पूजा कराया जाता हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ से जो ख़बर आ रही हैं वो बेहद चौंकाने वाली हैं। जहां आत्माओं के लिए के घर होता हैं। उनके लिए मंदिर बनाया जाता हैं। गांव में हर जगह आत्माओं की पूजा भी की जाती हैं। ये सब छत्तीसगढ़ के बस्तर में अबूझमाड़ समेत कुछ ऐसे गांव  होता हैं। बता दे कि बस्तर के अबूझमाड़ इलाकों में ये सारी रिवाज होते हैं। जिसमें आदिवासी समुदाय के लोग आत्माओं को घर देते हैं रहने के लिए उनकी पूजा भी करते हैं।  जानकारी के लिए के बता दे कि आत्माओं को निमंत्रण दिया जाता हैं ताकि परिवार में खुशहाली हो सब ठीक चलें। ये एक परंपरा है जो सालों से अबूझमाड़ के गांवों में चल रही हैं। हमारे यहां पीतर या पितृपक्ष सब माने जाते हैं लेकिन इनके यहां ये सब नही माने जाते हैं। उनका कहना है कि वह अपने पूर्वजों की आत्माओं को आत्माओं के घर में रखकर उनकी पूजा करते हैं। यहां हांडियों में पूर्वजों की आत्माओं को रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। आदिवासी समाज में इसे आना कुड़मा कहा जाता है। आना कुड़मा का मतलब ही आत्मा का घर होता है। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने इन गांव और आत्माओं की पूजा को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि आदिवासी समाज के लोगों की मान्यता है कि यहां उनके पूर्वजों की आत्माएं साक्षात रहती हैं, जिनकी रोज पूजा की जाती है।


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