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T Raja Singh: बीजेपी खेमें में मचा हड़कंप! क्यों टी राजा सिंह ने तोड़ नाता?

क्या बीजेपी यानि भारतीय जनता पार्टी कें अंदर आपसी उथल-पुथल मचने लगी है और क्या इसके साथ ही पार्टी अब हिन्दूत्व की विचारधारा से आगे बढ़कर देखने लगी है। जी हां पर ये हम नहीं कह रहे हैं ये खुद भारतीय पार्टी के समर्थक कहने लगे हैं। आपको बता दें कि टी राजा सिंह के पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उनका कहना है कि हम बीजेपी के साथ इसलिए हैं क्योंकि पार्टी हिंदूत्व समर्थक है ना कि इसलिए की वो बीजेपी और इस तरह की तमाम बातें सोशल मीडीया पर बीजेपी समर्थक लिख रहे हैं।

खैर लोगों की प्रतिक्रियाएं सुनाने से पहले जो मामला सबसे बड़ा है उस पर बात कर लेते हैं और वो ये कि आखिर क्यों भाजपा के फायर ब्रांड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी छोड़ दी? तो आपको बता दें कि तेलंगाना में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसके लिए पार्टी के एक पुराने नेता एन रामचंदर राव ने सोमवार, 30 जून को नामांकन दाखिल किया था। 

बता दें कि तेलंगाना में भाजपा के दिग्गज नेता एन रामचंदर राव पेशे से क्रिमिनल वकील हैं। साथ ही दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के वह काफी करीबी भी रहे हैं। इतना ही नहीं, राव बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य भी रह चुके हैं और अगर कुछ मीडीया रिपोर्टस की मांने तो, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने रविवार, 29 जून की शाम को उनसे संपर्क किया था। जहां पर सबसे पहले संगठन सचिव चंद्रशेखर ने उनसे पूछा कि वे कितने सालों से पार्टी से जुड़े हैं। इसके बाद उन्हें सोमवार, 30 जून को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने को कह दिया गया। और यह बताया जा रहा है कि ये खबर सामने आने के बाद भाजपा नेता टी राजा सिंह नाराज हो गए जिसके उन्होंने न सिर्फ पार्टी छोड़ दी बल्कि इस फैसले को उन भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात बता दिया। बताते चलें कि राजा सिंह ने यह कदम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद उठाया है।
तो आइए सबसे पहले आपको उनका बयान सुना देते हैं कि आखिर पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने खुद क्या कहा और क्यों छोड़ी पार्टी?

क्या बोले टी राजा सिंह?

मैं हमेशा ये कहता हूं कि तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन सकती है. लेकिन तेलंगाना में बीजेपी सरकार तभी बनेगी जब हर वो कार्यकर्ता हर वो नेता सही तरह से काम करेगा, आज बूथ लेवल पर हर एक कार्यकर्ता बीजेपी को वोट दिलवा रहा है कार्य कर रहा है. लेकिन जब किसी बड़े पद देने का समय आता है और जब तेलंगाना के राष्ट्रीय प्रेजिडेंट चुनने का समय आता है। तब पार्टी इतना नहीं सोचती कि किसे चुनना है। मै बार-बार सिर्फ इतना कह रह था कि बूथ से लेकर अधिकारी तक इसपर चर्चा हो।

तो ये था टी राजा का बयान जहां पर वो एक अधिकारी से लेकर बूथ तक हर कार्यकार्ता की महत्वता बताना चाह रहे हैं। पर हालांकि वो यहीं रुके इसके बाद उन्होंने कहा कि तेलंगाना में एक ऐसे अध्यक्ष की जरूरत है जो थोड़ा आक्रामक हो क्योंकि ये तेलंगाना है यहां हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई की राजनीति नहीं चलती है। यहां जो हिंदूत्व की बात करता है। जनता उसे सर पर बैठाती है। 2014 से मैं ये सब सहता आ रहा हुं मेरी कॉन्स्टीटुएंसी को टार्गेट करना मेरे जिले को टार्गेट करना मुझे टार्गेट करना और वो भी बाहर से नहीं पार्टी के अंदर ही तो कब तक सहुं मैं ये जुल्म? मेरा भी दम घुट रहा था इसलिए हमने राम-राम किया है पार्टी को.

तो ये था टी राजा सिंह का पूरा बयान जहां पर उन्होंने साफ कर दिया कि यही वजह थी जो उन्होंने पार्टी को छोड़ा है। हालांकि बाद में उन्होंने ये जरूर कहा कि पार्टी को छोड़ने के बाद भी वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के कार्यों को बढ़ाते रहेंगे। जो कि वो शायद करेंगे भी पर यहां से ये भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है। क्योंकि प्रदेश में वह पार्टी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं। और उनके जाने से 2028 में होने वाले तेलंगाना लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तैयारियों को बड़ा झटका लग सकता है। और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों बीजेपी से ज्यादा उनके नाम का क्रेज दिख रहा हैं।

सोशल मीडीया पर टी राजा के साथ लोग

जहां पर सोशल मीडीया हैण्डल एक्स पर वाल्मिकी नाम के एक यूजर पोस्ट करते हुए लिखा कि कट्टर हिंदू राजा सिंह ऐसे इकलौते नेता है। जो भारत के किसी भी हिंदू बाहुल्य सीट से अगर चुनाव लड़े तो जीत पक्की होगी। उनकी फैन फॉलोइंग भारत के कोने कोने में है।
टाइगर राजा सिंह जिंदाबाद
वहीं इसके बाद मारवाणी नाम के एक यूजर ने इसी पर रीट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा को समझना होगा कि उसके वोटर सिर्फ "भाजपा" के नहीं, राष्ट्रवादी हिंदुत्ववादी हैं। हमारे लिए राष्ट्र पहले है, पार्टी बाद में। जो राष्ट्र की बात करेगा, वही सत्ता में टिकेगा।
????Tiger Raja Singh और Nupur Sharma को अगर आप दूर करोगे, तो हम भी दूर हो जाएँगे।

इसी प्रकार से सतीश चन्द्र झा नाम के यूजर ने लिखा कि राजा सिंह के हालात वैसे ही होगा जैसा विनय कटियार उमा भारती और नुपूर र्शमा का हुआ है ये लोग हिंदू एकता और पौरुष के प़तीक थे जो भाजपा कदापि नहीं चाहती कयोकि मुद्दा खत्म तो राजनीति खत्म अमित शाह बंगाल जाते हैं तभी घुसपैठिये कि याद आती है और ठोस कारवाई कभी नहीं किया और करेगा भी नहीं


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