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RCB पर फिर लटकी तलवार! सरकार ने ठहराया भगदड़ का दोषी!

3 जून को RCB यानि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के 18 सालों के बाद आईपीएल चैंपियन के बनने के बाद, बैंगलौर में  एक विक्ट्री परेड निकाली गई। जो कि विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जानी थी। पर आप को याद होगा कि इस परेड के बीच भगदड़ मच गई थी। जिसमें तकरीबन 11 लोगों की जान गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद कर्नाटक की राज्य सरकार ने इस घटना के जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद से जांच जारी है। पर अब इसी बीच जब इस मामले को लगभग डेढ़ महीने बीत चुके हैं। तो इसी समय कर्नाटक की राज्य सरकार ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए हादसे की पूरी जिम्मेदारी आरसीबी की टीम पर मढ़ दी है। जी हां रिपोर्टस कि मानें तो राज्य सरकार का कहना है कि आरसीबी के इवेंट पार्टनर DNA नेटवर्कस और ( KSCA ) यानि कर्नाटक क्रिकेट एसोशिएसन ने इवेंट के लिए पुलिस से कोई आधिकारिक मंजूरी नहीं ली थी। साथ ही राज्य सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि पुलिस की नामंजूरी के बाद भी आरसीबी की टीम ने इसे आगे बढ़ाया और वो इवेंट किया। तो आइए सबसे पहले आपको पूरा बयान सुना देते हैं राज्य सरकार कि ओर से क्या कहा गया है?

आयोजकों की ओर से अनुमति के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया गया था, न ही आवश्यक जानकारी और विवरण प्रदान किए गए थे, जिसका अर्थ था कि अनुमति के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सका। परिणामस्वरूप, संबंधित पीआई को दिए गए दिनांक 3.06.2025 के सूचना पत्र को अनुमति नहीं दी गई।"

तो ये था वो बयान जो साफ तौर पर ये बताता है कि पूरी की पूरी गलती इसमें आरसीबी की मैनेजमेंट के सिर मढ़ दी गई है। हालांकि ये सिर्फ इतना ही नहीं था।इसके आगे बयान में कहा गया कि

 

“KSCA CEO शुभेंदु घोष ने 3 जून की शाम को कब्बन पार्क पुलिस को सूचित किया कि अगर टीम फाइनल जीतती है तो परेड की योजना बनाई गई है। हालाँकि, पुलिस ने अपर्याप्त विवरण और कम समय की सूचना का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बावजूद, आरसीबी ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया पर निमंत्रण पोस्ट किए, जिसमें प्रशंसकों से विधान सौध से स्टेडियम तक विजय परेड के लिए एकत्रित होने का आह्वान किया गया था।

 

तो ये था वो पूरा मामला कि कैसे क्या हुआ था अब यहां पर गलती किसकी है और किसकी नहीं ये तो खैर ये तो पूरी जांच के बाद ही सामने आएगा। पर अगर फिलहाल चीजें जिस तरह से निकलकर आ रही हैं। जिसमें फिर चाहे राज्य सरकार का आरसीबी को ब्लेम करना हो या फिर जो वैधानिक नियम कहता है। दोनों ही तरह से आरसीबी मुश्किल में फंस सकती है। आपको बता दें कि वैधानिक नियम कि मानें तो इस तरह की परेड के लिए कार्यक्रम से कम से कम एक सप्ताह पहले पत्र लिखकर सौंपना होता है।


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