Chandrayaan-3: चांद पर इन बॉलीवुड स्टार्स ने खरीदी है जमीन, जानिए क्या है कीमत?
नई दिल्ली: जब से चांद पर चंद्रयान 3 पहुंचा है। तब से लोगों के मन में कई सवाल आ रहे है। इसी बीच एक सवाल ये भी है कि क्या चांद पर लोग जमीन खरीद सकते है। वैसे तो पहले भी हमने सुना है कि कई लोगों ने चांद पर जमीन पर खरीद ली है। लेकिन क्या आपको पता है चांद पर जमीन के क्या रेट हैं। अगर हम आपको चांद पर जमीन के रेट बता देंगे तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। बता दें कि चांद पर 1 एकड़ जमीन का रेट मात्र 3000 रुपये है। अब आप सोच रहे होंगे ये जमीन आखिर इतनी सस्ती क्यों है। तो चलिए हम आपको इसके बारे में पूरी डिटेल बताते हैं।
अक्सर हमने सुना है कि अमुक आदमी ने चांद पर जमीन खरीदी ली है। कभी सुपरस्टार अभिनेता शाहरूख खान का नाम, तो कभी सुशांत सिंह राजपूत का नाम चांद पर जमीन खरीदने वालों की लिस्ट में सुनने को मिलता है। सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2018 में चांद पर जमीन खरीदी थी। वहीं बॉलीवुड के बादशाह यानी शाहरुख खान को उनके एक फैन ने चांद पर जमीन तोहफे में दी थी।
चांद पर जमीन कैसे खरीदें
मिली जानकारी के अनुसार, Luna Society International और International Lunar Lands Registry ऐसी कंपनी है जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है। इन कंपनियों के द्वारा 2002 में ही हैदराबाद के राजीव बागड़ी और 2006 बेंगलुरू के ललित मोहता ने भी चांद पर प्लॉट खरीदा था। इन लोगों का मानना है की चांद पर आज नहीं तो कल जीवन तो बसना ही है। सुशांत ने चांद पर जमीन इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से खरीदी थी। उनकी यह जमीन चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है।
कितने में है चांद की जमीन
मिली जानकारी के अनुसार, चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत 37.50 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 3112.52 रुपये है। कम कीमत होने के कारण लोग भावनाओं में बहकर रजिस्ट्री कराने के बारे में ज्यादा नहीं सोचते। जब जमीन की कीमत तय है तो सवाल ये भी उठता है कि आखिर चांद का मालिक कौन है? Outer Space Treaty 1967 के मुताबिक, अंतरिक्ष के किसी भी ग्रह या फिर चांद पर किसी भी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है। चांद पर बेशक किसी भी देश का झंडा लगा हो, लेकिन चांद का मालिक कोई नहीं।
जमीन की बिक्री कानूनी या गैरकानूनी?
जानकारी के अनुसार, आपको बता दे कि चांद की जमीन पर कानूनी तौर पर किसी का मालिकाना हक नहीं है। क्योंकि पृथ्वी से बाहर की दुनिया पूरी मानव जाति की धरोहर है। इस पर किसी एक देश का कब्जा नहीं हो सकता। 1967 की आउटर स्पेस ट्रीटी के मुताबिक स्पेस में किसी भी ग्रह या उनके उपग्रहों पर किसी भी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है। भारत समेत 110 देशों ने इस पर साइन किए हैं। बिना किसी अधिकार के लिए कंपनियां चांद पर जमीन की रजिस्ट्री करने का दावा करती हैं। यह एक तरह से गोरखधंधा है।