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MP Chunav Results 2023: जानिए मध्य प्रदेश में कौन बनेगा सीएम, सामने आ रहा चौंकाने वाला नाम

Lucknow Desk: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजें लगभग साफ हो चुके है कि भाजपा को बहुमत मिल रहा है। अब सवाल यह कायम है कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार का चेहरा कौन होगाक्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी सुरक्षित रहेगी या उनकी जगह किसी और को बिठाया जाएगा। बता दे कि नरसिंहपुर में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और दिमनी (मुरैना) में नरेंद्र सिंह तोमर की जीत सुनिश्चित हो गई है। इंदौर-1 में कैलाश विजयवर्गीय भी जीत रहे हैं। ऐसे में इनके नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। रविवार को नतीजों के आने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया सक्रिय हुए और सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वहां उन्होंने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। वहीं, वरिष्ठ नेताओं की मेल-मुलाकातों का दौर भी शुरू हो गया है। जिसके बाद से सीएम के पद को लेकर चर्चा शुरु हो गया है। 

राज्य के लिए शिवराज सबसे प्रबल दावेदार

बता दे कि मध्य प्रदेश के चुनावों में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही फ्रंटफुट पर बैटिंग की है। उन्होंने 160 से ज्यादा रैलियां की हैं। इन रैलियों के जरिए पार्टी पर दावेदारी को लेकर दबाव भी बनाते दिखे हैं। जब वे मंच से सवाल करते थे कि मुझे फिर से सीएम या मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? तो इसका असर यह जरूर हुआ कि आखिर वक्त में पार्टी के बड़े नेताओं ने उनकी योजनाओं का जिक्र करना शुरू कर दिया, लेकिन चेहरे पर अभी तक लोग चुप्पी साधे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज से भी ग्वालियर में एक दिसंबर को जब यह सवाल किया गया कि जब आप पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे? तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद कहते हुए आगे निकल गए। इसका मतलब साफ है कि अभी भी उनके नाम पर संशय बरकरार है। ऐसे में दूसरे दावेदारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है।

वीडी शर्मा

दरअसल, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम की भी चर्चा में रहते है । इन संभावनाओं को बल तब मिला, जब चुनाव प्रचार के दौरान के पीएम मोदी का प्यार इन पर खूब उमड़ा था। चुनावी रैली के दौरान मंच से पीएम इनकी पीठ थपथपाते नजर आए थे। साथ ही इंदौर की रैली में पीएम मोदी के साथ रोड शो में वीडी शर्मा अकेले थे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार मौका मिला।

प्रहलाद सिंह पटेल

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी सबसे ज्यादा चर्चा में रहते है। शिवराज के बाद प्रदेश में भाजपा के ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में प्रहलाद पटेल का नाम सबसे आगे है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से अधिक है। भाजपा चेहरा बदलती है तो उनकी दावेदारी मजबूत होगी। प्रहलाद पटेल का संगठन में भी लंबा अनुभव रहा है। उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रहलाद सिंह पटेल ही ऐसे नेता हैं जिनकी लोधी समाज में गहरी पैठ है। इनके अलावा वे आरएसएस के भी पसंदीदा नेता हैं। प्रहलाद पटेल को बुंदेलखंड और महाकौशल के साथ-साथ मालवा और निमाड़ में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की भूमिका दी गई थी। कांग्रेस नेता कमलनाथ को सीधे चुनौती देते हुए उन्हें घेरने का काम भी उन्हें दिया गया था। 

नरेंद्र सिंह तोमर

मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदार माने जा रहे हैं। चुनाव के शुरुआती दिनों में वे फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे थे। चुनाव की बड़ी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर थी। बेटे के कथित लेनदेन के वीडियो आने के बाद साइलेंट हो गए हैं।

कैलाश विजयवर्गीय

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की दावेदारी की जाती है। चुनाव प्रचार के दोरान कैलाश यह संकेत देते रहे हैं कि हम विधायक बनने नहीं आए हैं। विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूती दी है। केंद्रीय नेतृत्व से उनकी नजदीकी उन्हें प्रदेश का मुखिया बना सकती है। 

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