
Kajri Teej 2023 : आज कजरी तीज का व्रत , जानें पूजा और शुभ मुहूर्त
Lucknow Desk : हिंदू धर्म में प्रत्येक माह कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार आते हैं। भाद्रपद महीने की शुरुआत में तीसरे ही दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा और व्रत किया जाता है। इस माह सबसे पहला त्योहार कजरी तीज पड़ रहा है तो कि आज यानि 2 सितंबर को मनाया जाएगा। कजरी तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है और पंचांग के अनुसार यह तिथि आज है। कजरी तीज का व्रत सुहागिनों के लिए बेहद ही शुभ और फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की अराधना की जाती है।
कजरी तीज का व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र के लिए करती हैं। ये व्रत साल के पांच तीज व्रतों में शामिल है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी पार्वती ने भी शिवजी को पाने के लिए ये व्रत किया था। इसलिए इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। इस व्रत को करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ने की भी मान्यता है। कजरी तीज पर सुहागनें सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले ही नहा लेती हैं। फिर व्रत का संकल्प लेती हैं। इस व्रत में सौलह श्रंगार कर पूजा की जाती है। पूरे दिन नियम और संयम से व्रत रखा जाता है। जिसमें कई जगहों पर इस दिन बिना का भी व्रत रखने की परंपरा है।
कजरी तीज 2023 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया पक्ष 1 सितंबर को रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो गई है और इसका समापन 2 सितंबर को रात 8 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार कजरी तीज का व्रत आज यानि 2 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
कजरी तीज पूजा विधि
सबसे पहले घर में पूजा के लिए सही दिशा का चुनाव करके दीवार के सहारे मिट्टी और गोबर से एक तालाब जैसा छोटा सा घेरा बना लें. इसके बाद उस तालाब में कच्चा दूध और जल भर दें। फिर किनारे पर एक दीपक जलाकर रख दें। उसके बाद एक थाली में केला, सेब सत्तू, रोली, मौली-अक्षत आदि रखें। तालाब के किनारे नीम की एक डाल तोड़कर रोपें। इस नीम की डाल पर चुनरी ओढ़ाकर नीमड़ी माताजी की पूजा करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें।