Dahi Handi Festival

Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रतीक है दही हांडी उत्सव

Janmashtami 2023: पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह त्यौहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता हैइस साल कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार 6 और 7 दोनों दिन मनाया जा रहा है। बता दे कि कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को दही हांडी उत्सव आयोजित किया जाता है। इस उत्सव के दौरान मिट्टी के बर्तन में दही भरकर ऊपर रस्सी पर लटकाया जाता है। वहीं गोविंदाओं क टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को तोड़ते हैं। यह दही हांडी मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात का पर्व माना जाता है लेकिन अब इसे पूरे भारत में जोर-शोर से मनाया जाने लगा हैऐसे में आइए जानते हैं इस पर्व पर दही हांडी मनाने के पीछे क्या वजह है?

क्यों मनाया जाता है दही हांडी उत्सव

दरअसल, बाल काल में भगवान श्रीकृष्ण बहुत नटखट थे। उनको माखन बहुत प्रिय था, इसलिए वह वृंदावन में लोगों के घरों से माखन चुराकर खाते थे और अपने सखाओं को भी खिलाया करते थेउनकी माखन चोरी से गांव की महिलाएं परेशान रहतींइसलिए कान्हा से माखन बचाने के लिए माखन की मटकियां घर पर किसी ऊंची जगह पर टांग दिया करतींलेकिन नटखट कान्हा अपने दोस्तों के साथ मिलकर तब भी माखन चुरा लिया करते

बता दे कि ऊंचाई पर लटकी माखन की मटकियों तक पहुंचने के लिए कन्हैया अपनाओं सखाओं के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाते और उसपर चढ़ते हुए मटकी से माखन चुरा लेते थेयहीं से दही हांडी उत्सव की शुरुआत हुई और कृष्ण की माखन चोरी की इस लीला को दही हांडी उत्सव के तौर पर मनाया जाने लगा


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