
Japan: जापानी विदेश मंत्री ने चीन के खिलाफ भारत का किया समर्थन , इन मुददों पर हुई चर्चा
Lucknow Desk : जापान के विदेश मंत्री भारत दौरे पर हैं। इस दौरान चीन से जारी तनातनी पर भारत को जापानी विदेश मंत्री का समर्थन मिला है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी के साथ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों सहित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की। शुक्रवार को जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए भारत एक अपरिहार्य भागीदार है साथ ही, उन्होंने कहा कि टोक्यो और नई दिल्ली एक साथ इस क्षेत्र में सहयोग का और विस्तार करना चाहेगा।
बता दे कि वार्ता से पहले जयशंकर ने ट्वीट किया कि जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी का नई दिल्ली की सुहानी शाम में स्वागत है। उन्होंने कहा, ‘‘15वीं भारत-जापान रणनीतिक वार्ता में समीक्षा होगी और हमारी विशेष रणनीति व वैश्विक साझेदारी का रास्ता तय होगा।'' पिछले पांच महीनों में हयाशी की यह दूसरी भारत यात्रा है। ऐसा माना जाता है कि दोनों पक्षों के बीच हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी चर्चा हुई।
दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए जरूरी है : योशिमासा हयाशी
योशिमासा हयाशी ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि हम लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा दें। इसके लिए साल 2023 को जापान इंडिया टूरिज्म ईयर एक्सचेंज नाम दिया गया है। कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। इस दौरान अपने संबोधन में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के लिए जापान वास्तव में मायने रखता है। जापान कई मायनों में अनुकरणीय आधुनिकीकरणकर्ता है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारा भी आधुनिकीकरण हुआ है, जिसमें जापान हमारा स्वभाविक सहयोगी है। जापान ने भारत में क्रांति ला दी है।
पहले सुजुकी क्रांति थी...दूसरी मेट्रो क्रांति थी : जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि पहले सुजुकी क्रांति थी...दूसरी मेट्रो क्रांति थी। तीसरी क्रांति हाई स्पीड रेल बनाने की है और चौथी क्रांति महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां और सेमी कंडक्टर हैं। जयशंकर ने कहा कि पहले सुजुकी क्रांति थी...दूसरी मेट्रो क्रांति थी। तीसरी क्रांति हाई स्पीड रेल बनाने की है और चौथी क्रांति महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां और सेमी कंडक्टर हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के सामने कई अहम चुनौतियां हैं जैसे परमाणु मिसाइल प्रसार और आतंकवाद। ये महत्वपूर्ण है कि हम इसकी तह तक जाएं और जो देश जिम्मेदार हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराएं। भारत और जापान एकसाथ हैं। जापानी विदेश मंत्री ने भी कहा कि एक जैसी सोच रखने वाले देशों जैसे भारत और जापान के लिए आतंकवाद से लड़ाई पहली प्राथमिकता है।