
Tejashwi के दो EPIC नंबरों पर घमासान, चुनाव से पहले मचा बवाल !
Lucknow Desk : बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा का चुनाव होना है। लेकिन उससे पहले बिहार में SIR का मुद्दा गर्माता दिख रहा है। एक तरफ जहां rjd, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही है और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रही हैं तो वहीँ दूसरी तरफ इन सबमें फसते हुए दिखाई पद रहे हैं। लालू के लाल तेजस्वी यादव जी हाँ सही सुना आपने दरअसल बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जबरदस्त सियासी जंग छिड़ गई है। विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर चल रहा है। इसी कड़ी में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। तेजस्वी के आरोपों पर इलेक्शन कमीशन ने सफाई दी और उनके वोटर आईडी कार्ड का नंबर जारी कर दिया, जिसके बाद पूरा NDA तेजस्वी पर हमलावर हैं।
आपको बता दें की बीजेपी-जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी ये मांग कर रही है कि तेजस्वी के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। तो वहीं दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में चुनाव आयोग ने तेजस्वी को नोटिस जारी किया है। दरअसल तेजस्वी यादव अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस एपिक नंबर (RAB2916120) का जिक्र किया, उसे गलत बताते हुए चुनाव आयोग ने जवाब दिया चुनाव आयोग ने कहा तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में है। उनका एपिक नंबर RAB0456228 है और इसी एपिक नंबर का इस्तेमाल तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के लिए किया था इसलिए ये एपिक नंबर रिकॉर्ड में दर्ज है जिसके बाद से ये कहा जाने लगा की तेजस्वी यादव के पास दो दो एपिक नंबर हैं पहला जो तेजस्वी यादव ने बताया और दूसरा जो चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया है उधर चुनाव आयोग की सफाई के बाद बीजेपी और jdu के नेताओं ने सियासी हमला शुरू का कर दिया है अलग-अलग दावों के बीच तेजस्वी यादव के एपिक नंबर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है तेजस्वी पर दो-दो एपिक नंबर रखने का आरोप लग रहा है तो वहीँ ऐसे में विरोधी कह रहे हैं कि चुनाव आयोग को घेरने का तेजस्वी का दांव उल्टा पड़ गया है इसके साथ ही अब एनडीए के नेता मांग कर रहे हैं कि तेजस्वी के खिलाफ दो आईडी कार्ड रखने का मामला दर्ज किया जाए, उन्हें गिरफ्तार किया जाए साथ ही बीजेपी पूछ रही है कि क्या तेजस्वी के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। इसी बीच बिहार सरकार में मंत्री नीतिन नवीन ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एटम बम वाले बयान का हवाला देते हुए तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला किया है। जिसमें उन्होंने SIR में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पास सबूत है, एटम बम है, अगर फटेगा तो चुनाव आयोग नहीं बचेगा जिसको लेकर नितिन नवीन ने कहा कि राहुल गांधी का 'एटम बम' तेजस्वी यादव के घर पर जा गिरा है। तो वहीँ बीजेपी नेता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी ने कल सनसनी पैदा करने की कोशिश की उन्होंने कहा कि मेरा नाम चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में नहीं है। लेकिन आयोग ने उन्हें बता दिया कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है अब उन्होंने एक नया एपिक नंबर दिखाया अब ये नया एपिक नंबर आया कहां से जो आयोग के रिकॉर्ड में ही नहीं है भारतीय कानून के तहत तेजस्वी पर मुकदमा बनता है।
आपको बता दें की एपिक नंबर मतदाताओं की विशिष्ट पहचान संख्या होती है जो वोटर आईडी कार्ड पर दर्ज होती है और वोटिंग के दौरान एपिक नंबर वोटर लिस्ट में दर्ज होने जरूरी होता है। दरअसल वोटर लिस्ट रिवीजन से शुरू हुआ विवाद अब तेजस्वी तक पहुंच गया है जिसको लेकर सत्ता पक्ष लगातार मांग कर रहा है कि तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और उन्हें गिरफ्तार किया जाए। अब इससे ये साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में बिहार के अंदर सियासी पारा और चढ़ने वाला है। अब ऐसे में आने वाले समय में देखना ये दिलचस्प होगा की तेजस्वी अपने ऊपर लगे इस दोहरी वोटर ID के आरोप में खुद को कैसे बचाते हैं और इसका क्या असर उनकी राजनीतिक साख पर पड़ता है।