UCC or RSS

UCC पर सुशील मोदी की सलाह का RSS ने किया स्वागत

नई दिल्ली: देश में UCC का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में है। विपक्षी पार्टियां इसका लगातार विरोध कर रही है। वहीं अब UCC कानून पर आदिवासियों समाज को छूट देने की बात कही गई है। UCC को लेकर कानूनी मामलों की संसदीय समिति की मीटिंग हुई थी, जिसमें अध्यक्ष सुशील मोदी ने आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखने की बात कही थी। जिसके बाद ऐसा ही सुझाव RSS के आनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम ने भी दिया है। वनवासी कल्याण आश्रम के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ने एक बयान दिया। इस बयान में सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि हम आदिवासी समाज को इस कानून से बाहर रखने में संसदीय समिति के प्रमुख सुशील कुमार मोदी की भूमिका का स्वागत करते हैं। 

वनवासी कल्याण आश्रम ने विधि आयोग से यह भी सिफारिश किया कि अधिकारी देश के विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों का दौरा करें। और आदिवासियों के प्रमुख लोगों और संगठनों के साथ चर्चा करके उनकी संक्रमणकालीन प्रणाली और विवाह, तलाक, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर उनके विचारों को गहराई से समझने का प्रयास करें।

वनवासी कल्याण आश्रम ने कहा- आदिवासियों के रिवाज को समझो'

वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम संसदीय पैनल के सुझाव की सराहना करते हैं, जिसने आदिवासियों को UCC के दायरे से बाहर रखने को कहा है। संघ ने कहा कि इस मामले में सोशल मीडिया पर डिबेट जरूर चल रही हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों में समझ का अभाव है। इसके चलते लोग भ्रमित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोगों में भी भ्रम पैदा किया जा रहा है। कुछ लोग अपना एजेंडा पूरा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले कई राजनीतिक दलों ने भी UCC को लेकर ऐतराज जताया है।

जिन क्षेत्रों में आदिवासी संख्या ज्यादा वहां BJP को हो सकती है मुश्किल

2024 लोकसभा चुनाव से पहले BJP UCC कानून को लागू करने पर पूरा जोर लगा दी है। लेकिन एक तरफ आदिवासी समाज को लेकर BJP की मुशिकलें बढती जा रही है। दरअसल, पूर्वोत्तर भारत, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, बंगाल और झारखंड जैसे इलाकों में आदिवासियों की बड़ी आबादी है। ऐसे में UCC का असर इन राज्यों में देखने को मिल सकता है।


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